Title | : | Gatekeeper Ka Inam - Malgudi Days by R. K. Narayan: गेटकीपर का इनाम - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण |
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Author | : | R. K. Narayan |
Release | : | 2025-04-18 |
Kind | : | audiobook |
Genre | : | Sci-Fi & Fantasy |
Preview Intro | |||
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1 | Gatekeeper Ka Inam - Malgudi Days by R. | R. K. Narayan |
Gatekeeper Ka Inam - Malgudi Days by R. K. Narayan - गेटकीपर का इनाम - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण “Gatekeeper Ka Inam” is a touching Hindi audiobook from R. K. Narayan’s classic Malgudi Days series. Follow the emotional journey of Govind Singh, a retired gatekeeper whose post-retirement life takes an unexpected turn. This beautifully narrated Hindi story explores themes of aging, creativity, anxiety, and the desire to be recognized. "यह कहानी गेटकीपर गोविंद सिंह की है जिन्हें अपनी पच्चीस साल की नौकरी पूरी करने के बाद अब ऐसा लगता है की वे पागल हो चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद उनके लिए मुसीबतें तब बढ़ती हैं, जब वे अपने खाली समय में गुड़ियाँ और अलग-अलग जगहों के मॉडल बनाना शुरू करते हैं। जैसे- कोई बाज़ार, उनका पुराना दफ्तर इत्यादि। उनकी इस कला के लिए ऑफिस में उनकी बहुत सराहा होती है। वे अपनी कुछ कृतियाँ अपने जनरल मैनेजर को भेंट में भी देते हैं। उन्हें एक एम्प्लॉय से पता चलता है कि जनरल मैनेजर को ये कृतियाँ बहुत अच्छी लगती है। यह सुनकर गोविन्द बेहद ख़ुश होते हैं। गोविंद सिंह अपने ऑफिस का एक मॉडल बनाकर उन्हें भेंट करते हैं जिसके कुछ दिनों बाद उन्हें एक मेल आता है जिसे देखते ही वे घबरा जाते हैं। (इससे पहले भी उन्हें दो बार मेल मिले थे जिन्हे पढ़ने से पहले ही उन्हें घबराहट होती थी।" लेखक आर. के. नारायण “मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे। |