Title | : | Jeevani : Guru Angad Dev Ji - (जीवनी - गुरु अगंद देव जी) |
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Author | : | Gurpreet Singh |
Release | : | 2019-11-21 |
Kind | : | ebook |
Genre | : | Biographies & Memoirs, Books |
Size | : | 519927 |
गुरुअंगददेवकीवाणीमेंविचित्रप्रभावथा।वहसीधे-सादेशब्दोंमेंअपनेअनुयायियोंकोईश्वरभत्तिफ़काउपदेशदेतेथे।यहीनहींवहअपनेअनुयायियोंकोयहभीबतायाकरतेथेकिउन्हेंप्रभुकीपूजा-आराधनाकरतेहुएअपनासांसारिकजीवनकिसप्रकारव्यतीतकरनाचाहिए।वहकहाकरतेथे-मनुष्यजोदूसरोंकोदेताहै,वहीउसेप्राप्तहोताहै।उसेअपनेकर्मोंकेद्वाराहीस्वर्गयानरकमेंस्थानमिलताहै।गुरुअंगददेवकीदृष्टिमेंकर्महीमहत्त्वपूर्णथा।अपनेविचारोंकेकारण,वहबहुतजल्दलोक-प्रियहोगए।दूर-दूरसेलोगउनकेउपदेशसुननेऽडूरपहुंचनेलगे।गुरुनानककीभांतिउन्होंनेभीहिन्दूसमाजमेंफैलीकुरीतियोंऔरधर्मकेनामपरफैलेहुएपाखंडकाविरोधकिया।उन्होंनेअपनेअनुयायियोंकोइनपाखंडोंसेदूररहकरसीधा-सादा,स्नेहऔरभाई-चारेसेभराजीवनबितानेकाउपदेशदिया। |